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Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

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Sumit. Malhotra

Abstract Action Classics

रिश्ते-नाते।

रिश्ते-नाते।

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हम सब जीवन में अपनी कुछ,

खट्टी-मीठी यादें ताजा करते हैं। 


संसार एक यातायात का साधन, 

हम सब यहाँ पर सफ़र करते है।


कुछ अपने अंजाने बन जाते हैं,

कुछ परायों से अटूट रिश्ते-नाते।


कोई ना कोई रिश्ता ऐसा होता है,

जो हमें जान से भी प्यारा होता है।


जब-जब ऐसे रिश्ते बिछड़ जाते है,

जन्मी यादें नागरिकता प्राप्त करते। 


काश ऐसे रिश्ते-नाते बनाने के लिए है, 

उन सबके मन में वीज़ा आवेदन करते।


दुख-दर्द ग़म देने वाली कड़वी यादों से,

सारी उम्र भी छुटकारा न मिल सकता।


हमारा प्यार हमें मिले या नहीं मिलें,

उन यादों से मन हो जाता हल्का है।


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