रिश्ते-नाते।
रिश्ते-नाते।
हम सब जीवन में अपनी कुछ,
खट्टी-मीठी यादें ताजा करते हैं।
संसार एक यातायात का साधन,
हम सब यहाँ पर सफ़र करते है।
कुछ अपने अंजाने बन जाते हैं,
कुछ परायों से अटूट रिश्ते-नाते।
कोई ना कोई रिश्ता ऐसा होता है,
जो हमें जान से भी प्यारा होता है।
जब-जब ऐसे रिश्ते बिछड़ जाते है,
जन्मी यादें नागरिकता प्राप्त करते।
काश ऐसे रिश्ते-नाते बनाने के लिए है,
उन सबके मन में वीज़ा आवेदन करते।
दुख-दर्द ग़म देने वाली कड़वी यादों से,
सारी उम्र भी छुटकारा न मिल सकता।
हमारा प्यार हमें मिले या नहीं मिलें,
उन यादों से मन हो जाता हल्का है।
