रहन सहन
रहन सहन
मत जाना मेरे रहन सहन पे
तुम्हारी सौगात है मेरा यह स्वरूप
तुम्हारे छोड़े शब्दों के तीखे बाणों से
मेरे अंदर की कोमल स्नेहिल स्त्री
भावपुरित गंभीर नैसर्गिक सौंदर्य
और श्रृंगारिक प्रवृत्ति वाली एक भावुक
कविकल्पित स्त्री मिट चुकी है
कुछ शेष है तो मात्र यह पुतला
इसलिए मत सोचना अब
मेरे रहन सहन के बारे में ।
