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Anand Ranjan

Inspirational

2.5  

Anand Ranjan

Inspirational

रौशनी

रौशनी

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रौशनी की चाह है तो सूर्य सा तपना पड़ेगा

ताक पर हर चाह को कुछ दिन तुम्हें रखना पड़ेगा

हर विफलता कुछ तुम्हें सिखलायेंगी

उन विफलताओं के साये में तुम्हें चलना पड़ेगा

रिक्तियां हो जाएंगी गुम कल किसी इतिहास में

इक बार उन रिक्तियों को पर तुम्हें भरना पड़ेगा

हर बुलंदियों के शिखर पर इक दिन कभी पहुंचोगे तुम

पर शिखर की चोटियों को इक बार तो चढ़ना पड़ेगा

यूं ही नहीं ये ज़िंदगी रास आएगी

इस जिंदगी में कुछ तुम्हें करना पड़ेगा


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