STORYMIRROR

Rashmi Lata Mishra

Drama

4  

Rashmi Lata Mishra

Drama

रातरानी

रातरानी

1 min
591

मन मे उठती तरंगे आधी रात को

गजरा महका रे महका आधी रात को।

फूल चुन के हैं लाई आधी रात को,

रातरानी सजाई आधी रात को।


पहले डलिये में लाई रात रानी रे,

फिर पत्तों पर बिछाई रात रानी रे।

फिर गजरा बनाई रातरानी रे

गोरी जूड़े सजाई रात रानी रे।


प्रियतम पूछे क्या महका आधी रात को ?

रातरानी महकाई आधी रात को।

पहले बेल लगाई रात रानी रे

फिर जल से सिंचाई रात रानी रे।


रंग उजला है प्यारा रात रानी रे,

संग हरा भी लहरें रात रानी रे।

सबके मन को महकाए रात रानी रे,

रातरानी नहीं वह राजरानी रे।


फूल नाजुक है प्यारे-प्यारे, प्यार वो,

गजरा महका रे महका आधी रात को।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama