रातें जागी सी
रातें जागी सी
अच्छे अवसर को खोना मत
कदम दर कदम बढ़ते जाना
लाख मुसीबत आएँ
ज़िन्दगी ज़ब ठहर सी जाए
तुम खुद को संभाल लेना
फिर नया सवेरा आएगा
आशा का एक दीप जलेगा,
जो सारी मुसीबतों को खत्म करेगा
खिल उठेगी तेरी ज़िन्दगी
क्यूँकि सब दिन एक से नहीँ होते।
मौके फिर नहीँ आएंगे।
इसबार उसको मत खोना मत।
जीत के लिए बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ती है
और हारने के लिए खुद का
ज़मीर खत्म करना पड़ता है।
ज़िन्दगी सबको अवसर देती है
बस उसे सही समय में
लपककर लेना होता है।
यही करना होता है।
कभी रातों रात सफलता नहीं मिलती
बल्कि उसके लिए कई रातों को जागना पड़ता है।

