रातें हमारी दोस्त है
रातें हमारी दोस्त है
तब भी मैं तन्हा –तन्हा सा रहते हैं, तब एक ही साथी याद आता है,
छुप जाता सूरज और फिर वो अँधेरी रात जो हमें समझ पाता है,
हर ओर एक सन्नाटा सा पसर जाता जहाँ रातें हमें समझ जाती हैं ,
पूरे दिन का थकाहारा जीवन सिर्फ वो रात हमें आराम दिलाती है ,
हर सुख-दुःख उसके संग बांट लेते वह सच्चा दोस्त कहलाता है,
इस रात के आने पर ही हम जीवन के मीठे –मीठे स्वप्न देख पाते हैं ,
अँधेरी रात की उस ख़ामोशी हम अपने दिल का हाल उसे सुनाते हैं ,
रातें दोस्त हमारी जीवन में आराम देती सुकून हर –पल हम पाते हैं I
