STORYMIRROR

achla Nagar

Fantasy

4  

achla Nagar

Fantasy

तीन घुड़सवार

तीन घुड़सवार

1 min
235

वे समुद्र तट पर सवार तीन घुड़सवार,

 उनकी उपस्थिति, प्रदान की गई कृपा की एक कहानी।

 सुनहरी रेत पर, उनके खुरों ने वार किया,

 जैसे लहरें टकराती हैं और हवा मधुर अभिवादन गाती है।


 पहला सवार, जिसकी आँखें जलती हुई आग जैसी हैं,

 एक जंगली आत्मा, एक ऐसी आत्मा जो कभी थकती नहीं।

 उसका घोड़ा, एक वज्रपात, तेज और मजबूत,

 उनका बंधन अटूट, उनका संबंध आजीवन।


 दूसरा सवार, शांति की किरण,

 एक शांत उपस्थिति, विनम्रता की भावना।

 उसकी घोड़ी, एक कोमल सुंदरता, सुरुचिपूर्ण और परिष्कृत,

 एक साथ वे चले गए, पूर्ण सद्भाव में।


 तीसरा सवार, प्राचीन विद्या का संरक्षक,

 गहराई तक ज्ञान रखने वाला साधु।

 उनका घोड़ा, ज्ञान और शक्ति का प्रतीक,

 उन्हें दिन में और रात में ले जाना।


 वे एक के रूप में सवार हुए, गति की एक सिम्फनी,

 उनकी आत्माएं जुड़ी हुई हैं, एक लौकिक भक्ति से बंधी हुई हैं।

 जैसे ही सूरज डूबा, आसमान को सोने से रंगा,

 उनके छायाचित्रों ने नृत्य किया, एक कहानी जो अभी तक अनकही है।


 उनकी यात्रा स्वतंत्रता और सपनों की बात करती थी,

 क्षितिज और अंतहीन धाराओं का पीछा करते हुए।

 परीक्षणों और विजयों के माध्यम से, वे अडिग रहे,

 सितारों द्वारा निर्देशित, उन्होंने अपनी नायाब छाप छोड़ी।


 वे समुद्र तट पर सवार तीन घुड़सवार,

 साहस और प्रेम के लिए एक वसीयतनामा दिया।

 सागर की गर्जना में अमर हो गई उनकी कथा,

 सपने किस लिए हैं इसका एक कालातीत अनुस्मारक।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy