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ख़ाक .

Romance

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ख़ाक .

Romance

रास्ता

रास्ता

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जिन रास्तों पर साथ चलने की कसमें खाई थीं हमने 

आज उन रास्तों पर में अकेला ही खड़ा हूँ ,

तू साथ थी जब तक, उड़ता था मै परिंदों की तरह 

आज देख मैं सर से पाँव तक ज़मीन में गड़ा हूँ ।


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