STORYMIRROR

ख़ाक .

Inspirational

3  

ख़ाक .

Inspirational

उड़ना भूल गया हूं

उड़ना भूल गया हूं

1 min
609

बस ज़रा ठहर गया हूं मै,

पर ये ना समझो चलना भूल गया हूं।


अपनों के सामने हथियार डाले है मैने,

पर ये ना समझो लड़ना भूल गया हूं।


जो करना चाहो तो कर लो मुझे कैद,

पर ये ना समझो मैं उड़ना भूल गया हूं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational