राम लला
राम लला
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राजा दशरथ के आनंद भयो
अंगना में खेल रहे चारों भइया ,
दशरथ देख देख हर्षायें
मारे खुशी के मोहरें लुटाये
रानी कौशल्या बलिहारी जावें
राम लखन भरत शत्रुघ्न
राज ऋषि ने नाम धराये
मैया कैकयी ने करधन पहनाई
पैर पैजनियां घुंघरू वाली
छुन छुन होय रही अंगना
रुनक झुकन बाज रही
राम लला जी की पांव पैजनियां
सब नरनारी हंस हंस तारी बजायें
राजा दशरथ को भाग्य सराहें।