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निशान्त मिश्र

Inspirational

5.0  

निशान्त मिश्र

Inspirational

राह बनेगी चलता चल

राह बनेगी चलता चल

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राह बनेगी चलता चल

अपना भाग्य बदलता चल

पुष्प खिलेंगे, निश्चित है

कांटों पे इठलाता चल


राह बनेगी चलता चल

अपना भाग्य बदलता चल


शोर मचाने दे दुनिया को

सन्नाटे में गाता चल

दीप जलेगा अंधियारे में

खुद को और तपाता चल


राह बनेगी चलता चल

अपना भाग्य बदलता चल


मन के अंधियारे कोनों में

इक दीपक जब जल जाता है

आशा का वो छोटा दीपक

अंधियारे को हर जाता है


बूंद बूंद अश्रु मिलने पर

गागर नहीं भरा करते हैं

बूंद बूंद स्वेद की मिलकर

>

सागर यहां बना करता है


दिखे अकेला व्यथित कोई

पड़े सुनाई क्रंदन स्वर

दुख की बदली छंट जाएगी

उसको आस बंधाता चल


राह बनेगी चलता चल

अपना भाग्य बदलता चल


अलग अलग रंग दुनिया के

सबको साथ मिलाता चल

एक - एक ग्यारह होते हैं

दुनिया को सिखलाता चल


राह बनेगी चलता चल

अपना भाग्य बदलता चल


सुख के साये सदा रहेंगे

ऐसा कहीं नहीं लिखा है

संतापों के गलियारों में

आशा द्वीप जलाता चल


राह बनेगी चलता चल

अपना भाग्य बदलता चल


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