दो जून कि रोटी का बापू जुगाड़ करते हैं पापी पेट के नाम पर हाड़ तोड़ मेहनत करते हैं दो जून कि रोटी का बापू जुगाड़ करते हैं पापी पेट के नाम पर हाड़ तोड़ मेहनत करत...
दिखे अकेला व्यथित कोई पड़े सुनाई क्रंदन स्वर दुख की बदली छंट जाएगी उसको आस बंधाता चल राह बनेगी च... दिखे अकेला व्यथित कोई पड़े सुनाई क्रंदन स्वर दुख की बदली छंट जाएगी उसको आस बं...
इन धरती के लालों ने, चीरा बंजर धरती को, तलवों में आ गयीं दरारें, तब धरती की दरारें मिटाते हैं।... इन धरती के लालों ने, चीरा बंजर धरती को, तलवों में आ गयीं दरारें, तब धरती क...
तिनका-तिनका चुन, मन की तरंगों को क्रियात्मक रूप देना पड़ता है, दृढ़ निश्चय और उद्यम की लौ को हृदय में... तिनका-तिनका चुन, मन की तरंगों को क्रियात्मक रूप देना पड़ता है, दृढ़ निश्चय और उद्...
मुख न मोड़ें कभी निज दायित्वों से, खुश होकर करें सदा इनका निर्वाह। मुख न मोड़ें कभी निज दायित्वों से, खुश होकर करें सदा इनका निर्वाह।