राधा ही पहचान बनी थी (गीत)
राधा ही पहचान बनी थी (गीत)
प्रेम जगत की सबसे पहले, राधा ही पहचान बनी थी।
उद्धो को दे ज्ञान प्रेम का, प्रेम का प्रथम ज्ञान बनी थी।
सौम्य मधुर राधा के मन को,कान्हा की चञ्चलता भाती।
कान्हा जब मनमानी करते, राधा थोड़ी सी शर्माती।
कान्हा के चञ्चल नैनो की ,राधा ही तो जान बनी थी
प्रेम जगत की सबसे....
इकलौती यह प्रेम कहानी, जो जग में पूजी जाती है।
कृष्ण बजाते जब भी मुरली, राधा दौड़ी सी आती है।
बालकृष्ण के अधर लगी जो,उस मुरली की तान बनी थी।
प्रेम जगत की सबसे.....
राधा कृष्ण नहीं जो मिलते, राज़ प्रेम का कभी न खुलता।
सावन भादो में पेड़ो पर, कभी नही यूँ झूला डलता।
कान्हा के मथुरा जाने तक, ब्रज की वो मुस्कान बनी थी।
प्रेम जगत की सबसे...
घड़ी जुदाई की जब आई, राधा का मन तब घबराया।
समय कभी क्या ठहर सका है, राधा ने उसको ठहराया
देवों की सुनकर पुकार वो, सबका जीवनदान बनी थी।
प्रेम जगत की सबसे......