राधा चाहे श्याम, श्याम चाहे राधा.......
राधा चाहे श्याम, श्याम चाहे राधा.......
राधा चाहे श्याम, श्याम चाहे राधा.......
राधा को चाहे श्याम, श्याम को चाहे राधा
मिलना चाहे दोनों, हैं मिलन अभी आधा
श्याम का प्रेम ज्यादा, राधा का आधा-आधा
मिलना चाहे दोनों ऐसे, जैसे कोई पानी सादा
राधा चाहे श्याम, श्याम चाहे राधा.......
श्याम नाम का धैर्य धरा हैं, ओ सांवरे तेरे नाम का
भले दो शरीर हैं, आत्मा एक रहती है
दो शरीर ज्यादा-ज्यादा, आत्मा का आधा-आधा
मिलना चाहे दोनों ऐसे, जैसे कोई पानी सादा
राधा चाहे श्याम, श्याम चाहे राधा.......
सपनों में आते हो, प्राणों के स्वामी तुम
राधा हृदय के, तुम ही नामी तुम
राधा भी चाहे तुम से मिलना
बस ये समय अभी साथ नहीं
राधा चाहे श्याम, श्याम चाहे राधा.......
तुमने बिन डोर के मुझे बाँध लिया
मेरे बिन कहे तुमने सब सुन लिया
प्रीति तो ऐसी ही होनी चाहिए सभी
जिसमें रस्म नहीं, कोई कसम नहीं, बस प्रेम-प्रेम वही
राधा चाहे श्याम, श्याम चाहे राधा.......