क़साई
क़साई
बड़े नाज़ से पाला था
हमने तेरा प्यार दिल में
मगर तुम तो बड़े हरजाई निकले,
लाख अरमानों से सजे मेरे दिल का
गला घोंट कर तुम
मेरी मोहब्बत के हत्यारे निकले..!
कौन कहता है ,दिल के बड़े दीवाने हो तुम,
साथ रहकर तेरे जाना है मैंने
दिल-दिमाग़ को तेरे बख़ूबी पहचाना है मैंने,
इश्क़ की दुनिया में सबसे शातिर
दिल के बड़े कसाई हो तुम !