प्यार
प्यार
कभी मैं ही नहीं करता
कभी दिल ही नहीं करता
छोड़कर जबसे गया तू
मोहब्बत ही नहीं करता
मैं खुद से ही बना पागल
बड़े बेदर्द हो जानम
तभी से मैं किसी से अब
सराफत ही नहीं करता
तुम्हारा हाथ मांगा
तुमने धोखा ही दिया मुझको
इसी कारण किसी कि अब
जरुरत ही नहीं करता
जहां तुम हो खुदा सारी
खुशी देदे वहीं तुमको
दुआओँ मे मैं कहता हूँ
मैं नफ़रत भी नहीं करता।

