दोस्त
दोस्त
साथी जीवन के घेरों में
तुझको बिल्कुल नहीं रुकना है
यह जीवन दुखों का साया है
तुझको बिल्कुल नहीं झुकना है
हां जीवन में परेशानी है
इसमें कोई नहीं बात नयी
चाहे हो राम या कृष्ण भले
परेशानी सब ने यहां सही
यह जीवन का कड़वा सच है
तुझको बिल्कुल नहीं डरना है
साथी जीवन के घरों में
तुझको बिल्कुल नहीं रुकना है
क्यों परेशान तुम रहते हो
गर गम दुख है तेरे जीवन में
मेहनत कर सुख आमंत्रित कर
कुछ बड़ा ठान ले तू मन में
दुख का ऐसा है मेल बना
ये ठीक समय पर आता है
जानवर रूपी उस मानव को
इंसान बनाकर जाता है
यह सोच तेरे इस जीवन में
अब सुखों को पीछे पड़ना है
यह जीवन दुख का साया है
तुझको बिल्कुल नहीं झुकना है
साथी जीवन के घेरो में
तुझको बिल्कुल नहीं रुकना है।
