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Dileep Agnihotri

Abstract

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Dileep Agnihotri

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सफलता

सफलता

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कुछ दिन जो जा रहे है कुछ राते कट रही है

उम्मीद मुझको रब पे तभी सांसें चल रही है


ना छोड़ मुझको देना ये जिंदगी के मालिक

तेरा सहारा मुझको मेरी आस चल रही है

कुछ दिन जो जा रहे हैं कुछ राते कट रही है

उम्मीद मुझको रब पे तभी सांसें चल रही है


दुनियां की भीड़ मे तो इंसान है अकेला 

बस एक है तू मालिक मतलब का सारा मेला

उम्मीद मुझको तेरी मत छोड़ हाथ देना 

मेरे सर पे हाथ रख कर आशीर्वाद देना

कुछ तो जरूर देगा यह बात चल रही है


बस तेरे आसरे ही मेरी सांस चल रही है

कुछ दिन जो जा रहे हैं कुछ राते कट रही है

उम्मीद मुझको रब पे तभी सांसें चल रही है


है सबने मुझको छोड़ा तेरे दर पे आया बाबा

हरदम बनाये रखना अपनी कृपा का साया

दामन पकड़ के मेरा अपनी शरण में लेना

है सोच जहां मेरी मंजिल पे लगा देना


एक तेरे बास्ते ही नई सोच जग रही है

उम्मीद मुझको रब पे तभी सांसें चल रही है

कुछ दिन जो जा रहे हैं कुछ रातें कट रही

उम्मीद मुझको रब पे तभी सांसें चल रही है।


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