परियों कि कहानी
परियों कि कहानी
मेरी एक बात से तू मान तो गया
वापस तेरे आने से मेरा दिन तो बन गया ्
शायद मैं खुश नहीं हूं तेरे झूठे प्यार से
लेकिन तू मेरे नाम से पहचान तो गया
कोई बात फस गई है तेरी जिंदगी में फिर
मतलब ही सही पास मेरे कॉल तो गया
क्या हुआ तुम्हें बोलो काल के ही वास्ते
पर सोचो जरा तेरा वो इमान तो गया
जो बात अभी बोली वह मजाक किया था
अपना भी दर्द बोलो जो तुझे तो मिल गया
अब यह नहीं हो सकता जो तुम बता रहे
पहले भी बोला था तेरा विश्वास तो गया
ऐसे ना ख्वाब देखो जो पूरे ना हो सके
मैंने भी देखे छूट मेरा कुछ काम तो गया
आए हो अगर फिर से तो वेलकम है आपका
कब तक रहोगे फिर से तुझे जान तो गया
शर्मिंदा हो रहे हो मेरे कुछ ही लफ्जों से
अब छोड़ो पूरा मसला मैं मान तो गया।