मिठास अपनेपन की....
मिठास अपनेपन की....
शब्दों की मिठास को वाणी में लपेट कर
जब भी बोलिए चाशनी उडेल कर
फिर देखिये सभी अपने है।
दिल के जख्मों की मरहम बन जाए शब्दों से
किसी का दिल टटोलिए, कुछ मीठा बोल कर.....
अपने नाराज ना हो कभी, गैर भी अपने हो सभी
आओ शीतलता का रस सबके कानों में घोल दे।
कुछ ऐसा करें की नववर्ष में खुशियाँ बिखेर दे।
मखमली वाणी से दिलों के बंद दरवाजे खोल दे।
दुखो का नामोनिशान मिट जाए।
सुख.....
सबके दामन को खुशियों के फूल से भर दे।
मीठी वाणी की मिठास से हर मन को अपना घर बना
खुशियाँ समेट ले।
सबके दिल में प्यार के अहसास जगा कर ।
आँखों की नमी, मुस्कुराहटों में कर दीजिए।
सच मानिए नववर्ष का सबसे बेहतरीन तोहफा
मिठास का सभी को दीजिए।
फिर सुकून की दुआएँ अपने दिल में एक बार जरूर महसूस
कीजिए।
