दो पल की जिंदगी
दो पल की जिंदगी
दो पल की जिंदगी है,
आज बचपन, कल जवानी,
परसों बुढ़ापा, फिर खत्म कहानी है।
चलो हंस कर जिए, चलो खुलकर जिए,
फिर ना आने वाली यह रात सुहानी,
फिर ना आने वाला यह दिन सुहाना।
कल जो बीत गया सो बीत गया,
क्यों करते हो आने वाले कल की चिंता,
आज और अभी जिओ, दूसरा पल हो ना हो।
आओ जिंदगी को गाते चलें,
कुछ बातें मन की करते चलेंं,
रूठो को मनाते चलेंं।
आओ जीवन की कहानी प्यार से लिखते चलें,
कुछ बोल मीठे बोलते चलें,
कुछ रिश्ते नए बनाते चलें।
क्या लाए थे क्या ले जायेंगे,
आओ कुछ लुटाते चलें,
आओ सब के साथ चलते चलें,
जिंदगी का सफर यूं ही काटते चलें।