प्यार
प्यार
प्यार भावनाओं का एक ज्वार है
कभी प्यार मौन है तो कभी मुखर
विरह में प्यार मृगतृष्णा की तरह
मिलना और बिछड़ना
फ़िर भी साथ साथ हैं
प्यार कभी जीवन प्रेरणा प्यार में
कभी वेदना
प्यार भावनाओं का चरमोत्कर्ष है
सच्चा प्यार पाने से ज़्यादा खो देने का
एहसास है
प्यार कभी दूर है तो कभी पास है
प्यार में घृणा ना कोई स्थान है
प्यार इच्छाओं का बल है
प्यार से रिश्तो में सम्बल है
प्यार पा लेने का ज़िक्र भी है
और खो जाने की फ़िक्र भी है
प्यार एक पूजा है
प्यार एक तपस्या है
प्यार जीने का एहसास
बढ़ा देता है
प्यार ताउम्र जीने की एक चेष्टा है
प्यार विरक्ति है प्यार आसक्ति हैं
प्यार सिर्फ़ प्यार है।