मुझे तुमसे अनुरक्ति है तुम्हें मुझसे विरक्ति। मुझे तुमसे अनुरक्ति है तुम्हें मुझसे विरक्ति।
कुछ तो रही है बात तुममें, कि तुमसे मिलकर लोग जीना ही छोड़ देते है. कुछ तो रही है बात तुममें, कि तुमसे मिलकर लोग जीना ही छोड़ देते है.
जीवन के 40 सावन गुजर चले, यादों के बादल उमड़ कर घुमड़ चले वो विशालकाय घनघोर है जो पाषाण काल का ... जीवन के 40 सावन गुजर चले, यादों के बादल उमड़ कर घुमड़ चले वो विशालकाय घनघोर ...
पापा के जीवन का हर प्रयास सर्वथा रहा हमारे आस-पास। खुद थे, सुखों से दूर भले, पर बच्चे नितांत सुख... पापा के जीवन का हर प्रयास सर्वथा रहा हमारे आस-पास। खुद थे, सुखों से दूर भले, ...