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Amit Kumar

Romance

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Amit Kumar

Romance

प्यार सिखा दूँ......

प्यार सिखा दूँ......

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आओ तुम्हें मैं

प्यार सिखा दूँ

खुद का खुद पर

अख़्तियार सिखा दूँ

तुम अपने सपनों की

कभी उम्मीद न तोड़ना

उन सपनों को तुम्हारे

हक़ीक़त भरी ज़िन्दगी का

एक एहसास बना दूँ

आओ तुम्हें मैं

प्यार सिखा दूँ

तुम दर्द से डरते हो

दर्द कहाँ नहीं है

तुम मर्ज़ से डरते हो

मर्ज़ कहाँ नहीं है

यह मर्ज़ के दर्द का

एक राज़ बता दूँ

आओ तुम्हें मैं

प्यार सिखा दूँ

तुम जो चाहोगे

वही पाओगे ज़िन्दगी से

कुछ भी अछूता न

रह जायेगा ज़िन्दगी में

जो पास नहीं है

वो पास चला आएगा ज़िन्दगी में

मैं अपनी तदबीरों का

तुम्हें कुछ यूँ

तलबग़ार बना दूँ

आओ तुम्हें मैं

प्यार सिखा दूँ

आज किसी के लिए

तुम्हारी यह ऑंखें नम है

कल तुम्हारे लिए

किसी की ऑंखें नम होंगी

आज किसी के लिए

तुम्हारी सांसे बैचेन है

कल किसी की सांसे

तुम्हारे लिए बैचेन होंगी

आओ सांसों को

यह सांसों का पैग़ाम

पढ़ा दूँ

आओ तुम्हें मैं

प्यार सिखा दूँ.

ग़र इतना भी न

कर सको तुम

अपने किसी सपने के लिए

तो आँखों की ख़ामोशी से

तुम ज़ुबाँ का काम लेना

जब आह भरे कोई

तुम्हारे लिए कहीं

दीवाना मुझ सा

बस कुछ ही देर के लिए

तुम अपना दिल थाम लेना.

उसी एक पल में

सौ पल कैसे जिते है

तुम्हें यह फ़लसफ़ा

मैं आज बता दूँ.

सीख तो मैं

तुमसे गया हूं

अब प्यार करना और

कह रहा हूं

आओ प्यार मेरे

तुम्हें मैं प्यार सिखा दूँ.



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