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प्यार का व्यपार

प्यार का व्यपार

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हुस्न के बाजार में प्यार का व्यपार अच्छा है,

होती नहीं कीमत यहाँ दिल की

इस बाजार में...

चेहरे बिकते यहां हर एक पल

इस बाजार में...

भावनाओं और जज्बातो की कीमत ही नहीं लगती

इस बाजार में...

शराफत और सच्चाई तो कीचड़ में भी न दिखे

इस बाजार के...

पैसे और शौख वाले होते असली खरीदार

इस बाजार के...

बात ये नहीं की सच्चा प्यार नहीं मिलता

इस बाजार में...

लेकिन नज़र रुकती नहीं किसी की सही दुकान पर

क्योंकि चकाचौंध की दुनिया है

इस बाजार की...

और मिलते भी कहा असली खरीदार प्यार के

क्योंकि सब की परख नहीं होती प्यार की

कभी गुज़रा था मैं भी

इस बाजार से...

हुस्न के बाजार में यहां प्यार बहुत महंगा है,

हुस्न के बाजार में प्यार का व्यपार अच्छा है।


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