Bhisham Kumar
Others
गुम सा हो गया हूँ,खुद से खुद में मैं
जो मैं था वो रह न गया हूँ मैं।
जिस मंजिल के लिए निकला था घर से मैं
उस रस्ते से भटक गया हूँ मैं।
इस भीड़ में मुझे सब अपने दिखते हैं
लगता है शराबी हो गया हूँ मैं।
मैं खुद
वक़्त
कलाम
सफलता
किस्मत
प्यार का व्यप...
मैं और मेरी त...
ज़िंदगी
पता नही कैसी ...
देखी मैंने एक...