मैं वो इंसान हूं जो खुद को ढूढने में लगा हूँ, उम्र 27 की हो गयी और खुद का चेहरा आईने में धुलधला दिख रहा , रहता हूं तो बहुत से लोगो के बीच मे फिर भी अकेला अपने जमीर को ढूंढता हूँ।🙏
गुम सा हो गया हूँ,खुद से खुद में मैं जो मैं था वो रह न गया हूँ मैं। गुम सा हो गया हूँ,खुद से खुद में मैं जो मैं था वो रह न गया हूँ मैं।
ओर उसी वक़्त के हिसाब ने मुझे गुमनामी। ओर उसी वक़्त के हिसाब ने मुझे गुमनामी।
राष्ट्रवाद का एक उदहारण बनो मैं कहता हूँ "कलाम"बनो राष्ट्रवाद का एक उदहारण बनो मैं कहता हूँ "कलाम"बनो
पर मेरे हौसले की सांस आज भी जिंदा है, क्योंकि अभी मैं रुका नहीं, अभी मैं झुका नहीं समझ लो... पर मेरे हौसले की सांस आज भी जिंदा है, क्योंकि अभी मैं रुका नहीं, अभी मैं ...
अगर लिखनी होती किस्मत मुझे खुद की तो हर शख्स का एक धर्म बनाता मानवता अगर लिखनी होती किस्मत मुझे खुद की तो हर शख्स का एक धर्म बनाता मानवता
कभी गुज़रा था मैं भी इस बाजार से... हुस्न के बाजार में यहां प्यार बहुत महंगा है, हुस्न के बाजार में ... कभी गुज़रा था मैं भी इस बाजार से... हुस्न के बाजार में यहां प्यार बहुत महंगा है,...
मेरे अपनों का समय किसी और के नाम सही। खुश है अगर वो अपनी दुनिया में तो मैं कौन-सा गमगीन अकेला पड़ा हू... मेरे अपनों का समय किसी और के नाम सही। खुश है अगर वो अपनी दुनिया में तो मैं कौन-स...
ज़िंदगी ! मैं तुम्हें जीना चाहता हूँ...। ज़िंदगी ! मैं तुम्हें जीना चाहता हूँ...।
वहम की थी ये दोस्ती और कुछ नही नाम की थी ये दोस्ती देखी मैंने एक दोस्ती ... पता नही कैसी थी ये दोस्त... वहम की थी ये दोस्ती और कुछ नही नाम की थी ये दोस्ती देखी मैंने एक दोस्ती ... पता ...
देखी मैंने एक खामोशी... जो खामोश लगी... देखी मैंने एक खामोशी... जो खामोश लगी...