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Rahulkumar Chaudhary

Romance Tragedy Thriller

4  

Rahulkumar Chaudhary

Romance Tragedy Thriller

प्यार का वहम

प्यार का वहम

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201

चेहरे पर मुस्कराहट है तो क्या हुआ,

ऐसा नहीं कि आंखें अब नम नहीं


तन्हा है जिन्दगी तन्हा ही रहेगी,,

वो मुसाफिर अब मेरा हमसफ़र नहीं


हकीकत है जो बयां की है तुमसे,

खुदा कसम ये मेरा कोई भ्रम नहीं


तेरी यादों को सम्भाल रखा है दिल में,

जितना सीने में है दर्द वो कम तो नहीं


घाव हैं के सीने पर गहरे बहुत

भर दे जख्म दिल के ऐसा कोई मरहम नहीं।


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