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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance

प्यार का ज़लवा

प्यार का ज़लवा

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खोल दे दिलका पर्दा सनम तेरे,

दिलमें बसने आया हूँ।

प्यारकी ज्योत ज़लाकर में तुज़े,

पाने के लिये आया हूँ।


बहोत ढुंढा है मैने तुज़को,

प्यार की इस नगरीयां में,

भूला भटका अब मै तेरे

प्यार में तड़पकर आया हूँ।


बहुत बदनाम हुआ हूँ में,

नफ़रत की ईस दुनियामें,

पत्थरे और ठोकरें खाकर,

मज़नुं बनकर मै आया हूँ।


डरता नहीं हूँ प्यार है तुज़से,

चाहे मौत क्युं न आ ज़ाये,

प्यार सच्चा किया है वो मै,

एहसास कराने आया हूँ।


प्यार मैं तेरा पा कर रहूँगा, 

पीछे मैं हटने वाला नहीं,

तुझे लैला बनाकर "मुरली"

इतिहास बनाने आया हूँ।


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