प्यार का अफ़साना
प्यार का अफ़साना
मैं उसे खोना नहीं चाहता जो मेरे दिल के करीब़ है,
पर अगर उसे नहीं मंजूर मेरे साथ रहना तो वो मुक्त है।
क्योंकि मैं प्यार करता हूं उसे पर कहने से डरता हूं,
प्यार में कभी किसी की कोई गुलामी नहीं होती है।
कोई आता है तो कोई बस बिना कहे दूर चला जाता है,
रिश्ता यह दिल का कभी इतना सस्ता भी नहीं रहा है।
प्यार इक एहसास है जिसे सदियों तक जिया जाता है,
प्यार इक बँधन है जिसे बस दिल से निभाया जाता है।

