मुझे याद़ है
मुझे याद़ है
रातें जो कभी कटी थी तेरे साथ वो मुझे याद़ है,
आँसू जो कभी गिरा तेरे अश्कों से वो मुझे याद़ है।
बातें जो कभी ना हुईं ख़त्म तुझसे वो मुझे याद़ है,
कहना था बहुत पर कह ना पाएं तुमसे वो मुझे याद़ है।
लम्हें जो कभी बिताएं थे साथ तेरे वो मुझे याद़ है,
तेरी कही हुईं हर बात गूंजती है मेरे में वो मुझे याद़ है।
शायद़ तुम भूल जाओ कभी ऐसा ना हो वो मुझे याद़ है,
गुस्सा जो कभी किया तुझ पर उसका ईल्म़ वो मुझे याद़ है।
कहाँ जाकर मैं छूटकारा इस दर्द से तुम ही बता देते,
ना जानें क्यों रूठ़ गएं अब तुम मुझसे वो मुझे याद़ है।
आख़िर क्या हुआ तेरे मेरे दरम्यांन वो मुझे मालूम नहीं,
पर इश्क़ मेरा तुम ही थे, हो और रहोगे वो मुझे याद़ है।