पूरानी यादें,,,!
पूरानी यादें,,,!
यहां देखो मकान ही नजर आते हैं
वहाँ देखों दुुुकान ही नजर आती है ।
कहीं पेड़ों की कतारें नजर आती है ?
जब छोटे थे तब यहां खेला करते थे,
थोडे बडे थे तब यहां मैला करते थे!
कहां गये ? पैसों के लिए सब खतम ।
आज वहीं गली है मोहल्ला भी वही है,
रहनेवाले सब के सब वही ही है ।
पेड़ कहां ? मैदान कहां? सब खतम ।
जहां देखूं वहां सिमेन्ट ही सिमेन्ट ?
तरु छांंव नही सदन की परछाईं ।
कहें 'मारुति' सबकेे सब खतम है।
