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KAVI SHREE MARUTI

Tragedy

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KAVI SHREE MARUTI

Tragedy

पूरानी यादें,,,!

पूरानी यादें,,,!

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यहां देखो मकान ही नजर आते हैं 

वहाँ देखों दुुुकान ही नजर आती है ।


कहीं पेड़ों की कतारें नजर आती है ?

जब छोटे थे तब यहां खेला करते थे, 


थोडे बडे थे तब यहां मैला करते थे!

कहां गये ? पैसों के लिए सब खतम ।


आज वहीं गली है मोहल्ला भी वही है,

रहनेवाले सब के सब वही ही  है ।


पेड़ कहां ? मैदान कहां? सब खतम ।

जहां देखूं वहां सिमेन्ट ही सिमेन्ट ?


तरु छांंव नही सदन की परछाईं ।

कहें  'मारुति' सबकेे सब खतम है।


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