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Anshu Shri Saxena

Romance

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Anshu Shri Saxena

Romance

पूनम की रात

पूनम की रात

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चमकती पूनम की हो रात 

और आवारा सा चाँद जब हो साथ

मेरे नैनों की भाषा पढ़ने को...

काश तुम आ जाओ !


बिखरे जब दूधिया सी चाँदनी

छेडे़ जैसे कोई मधुर रागिनी...

प्रेम की मीठी धुन सुनाने को

काश तुम आ जाओ !


शीतल सी हो मंद बयार

और संग हो जुगनुओं की बारात 

मुझे हौले से बहकाने को....

काश तुम आ जाओ !


घास के रेशमी ग़लीचों पर

जब झिलमिलायें शबनम की बूँदें

उन पर उम्र भर साथ चलने को...

काश तुम आ जाओ !


फूले जब चमेली और रात की रानी,

और महका दें सारी कायनात...

उस ख़ुशबू में साथ बहकने को...

काश तुम आ जाओ !


जब मन में हो प्रेम का सैलाब

और मचलते हों ढेरों जज़्बात...

मेरे दिल की धड़कनें सुनने को

काश तुम आ जाओ !


सच हों सारे सतरंगी ख़्वाब 

जिन्दगी में रोशन हों आफ़ताब 

ग़र मिलन की चंद घड़ियाँ संग बिताने को...

बस तुम आ जाओ !!


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