पुलिस
पुलिस
पहन कर सर पर टोपी,थाम के हाथ में लाठी
जगह कैसी भी हो छोटी और मोटी,
पुलिस सदैव करती अपनी ड्यूटी ।
कोई देता इनको सम्मान है तो कोई करता अपमान है।
फिर भी पुलिस करती जन सेवा रात दिन हर पहर
नहीं करती कभी ये आराम है।
हो साम्प्रदायिक तनाव या हो कोई राजनीतिक चुनाव ।
करना हो किसी भी आपदा,संकट या करोना से बचाव
पुलिस सदा देती अपनी ड्यूटी ।
पहन कर सर पर टोपी,थाम के हाथ में लाठी
होली,दिवीली,ईद बैसाखी के हो मेले
कैसे भी हों जूलूस या हो मेलों में झूले
करती अपनी हर सुख सुविधाओं का त्याग है।
ये पुलिस वालों का ही तो विभाग है
तपती धूप, गरम जलती लपेटों में रहते हैं
बारीश और सरदी की ठिठुरन ये सहते हैं
फिर भी देखो कैसे ये हंसते रहते हैं ।
लाईन में रहते भी घर से बना लेते ये दूरी हैं।
बस जनता की सुरक्षा ही तो इनको लगती ज़रूरी है।
अमन,शान्ति, त्याग तपस्या का ये ही सच्चा सबूत है।
जिनसे डरते चोर उच्चके,भागते बडे बडे भूत हैं ।
ये ही तो देते जनसेवा ,देशभक्ति का नारा है ।
ये हम जनता का सबसे बड़ा सहारा है।
कोई मत करो इनका अपमान,ये तो है हम सबकी शान।
