STORYMIRROR

Asmita prashant Pushpanjali

Romance

2  

Asmita prashant Pushpanjali

Romance

पुकार

पुकार

1 min
367


गिरे रिमझीम सावन

पिया मन भावन

बाट निहारू आँगन

सखी रे आये ना साजन


छाया घनघोर अंधेरा।

कौन दिशा परदेसी मोरा

राह तकत होय सवेरा

दिखे ना चित चोर जरा


तन भिगोय बारिश फुहार

मन जलाय विरह ज्वार

मैं हूँ नाव तुम मजधार

आ जा मित मोरे सुन पुकार।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance