पत्र जो लिखा मगर भेजा नहीं
पत्र जो लिखा मगर भेजा नहीं
समेट रहे कई अलफ़ाज़ ये दिल
हालात ए वक़्त की दास्तान हैं
दूर रहते तुम एक मंज़िल सा हो
धड़कन परिन्दा सा एक पैगाम है
अब खत बना हर एहसास की लफ्ज़
लिखे ये जोगन बस तेरे नाम सा इश्क़
बिन भेजे महसूस होते, तुम इतने करीब
बस इंतज़ार है एक मिलन की उम्मीद