कोरोना . .
कोरोना . .
वक़्त ने करवट ली है आज दर्द का
कई सड़कें भरी है लाशों में
गरिब भूख की शिकार यहाँ
शायद सब्र की इम्तिहान घड़ी है
गुज़र रहा कैसे पल आज इस विश्व में
सब कोरोना से मातम मना रहे हैं
दुआ में शामिल आज पूरा समाज है
ख़ुदा तेरी इनायत की बहुत जरुरत है . . .
