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somya mohanty

Abstract

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somya mohanty

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कोरोना

कोरोना

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शायद खेतों से कोई नयी चिड़िया के सुर

नई खबर ए सुनाने आयी हैं


मौसम के संग आज़ादी की रंग लिए

एक उम्मिद सा जगाने आयी हैं


आंसू की नदियां अब बहत हुए दर्द

वक़्त ए मुस्कुराने की ये घड़ी हैं


हालात अब दुरुस्त धिरे धिरे होवे

संकट चाहे जितना मुस्किल क्यूँ ना कोई नयी हैं


हारे नहीं मानव के हाथ यहाँ

ना सहायाता के झोली खाली हैं


किरणें अगले सुबह के होगा

इनायत से भरा जरुर


फिर मिलेंगे नये कदम उमंग का

अब यही संकल्प हैं, अब यही संकल्प हैं।


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