कोरोना . .
कोरोना . .
ज़ंजीर ना समझो इन पाबंदियों को
ये कीमत हैं आज एक इनसानी जान की
घर पे रहो, तुम स्वस्थ रहो
ना तोड़ो नियम किसी सरकार की
अगर एक ही डोर में बंधे ये मन..
मकसद अंत तक एक ही रहेगा
बेशक ये जंग जीत जायेगा जहान
ये मुश्किल वक़्त भी बीत जायेगा . . .
