पत्नी का प्रेम पति के लिए
पत्नी का प्रेम पति के लिए
हर पल सोचती हूं कि
अगर मै ना रही तो तुम्हारा ख्याल कौन रखेगा
तुम्हारे गुस्से को कौन सहेगा
तुहारी जरूरतों को कौन समझेगा
तुम्हारे घर का ध्यान कौन रखेगा
तुम्हे बात बात पर कौन रोके टोकेगा
तुम्हारी इतनी सारी बाते कौन सुनेगा
तुम्हारे मन के दर्द को बिन कहे कौन समझेगा
ऑफिस से लौटोगे तब तुम्हारे हाथो में
चाय की प्याली कौन थमायेगा
हर समय बस तुम्हारी फिक्र लगी रहती है मुझे
इतनी सारी बातो को सोच कर दिल भर आता है
लेकिन मुझे पता है मेरे जाने से सिर्फ तुम्हे फर्क पड़ेगा
लेकिन बच्चो की खातिर तुम खुद को संभाल लोगे
तुम अपना दर्द अंदर हमेशा छुपा कर रखोगे
रोने का दिल करेगा तब भी झूठी मुस्कान लिए फिरोगे
और फिर कुछ ही दिनों बाद सब ठीक हो जाएगा
सबकुछ पहले की तरह चलने लग जायेगा
इस बीच तुम्हे मेरी कभी याद आयेगी तब भी
तुम खुद को दुखी नही होने दोगे क्युकी
तुम्हे पता है कि मै तुम्हे ऐसे उदास रोते नही देख पाती
इस सब के बीच सब कुछ होगा तुम्हारे पास
लेकिन बस वो सब देखने के लिए मै ना रहूंगी
धीरे धीरे वक्त बढ़ता जायेगा और बच्चे बड़े हो जायेंगे
तुम बहुत खुशनसीब समझोगे खुद को दुनिया में
जब अपने बच्चो की शादी होते हुए देखोगे
फिर कुछ दिन तुम बहुत खुश रहोगे और
बच्चे अपनी अपनी जिंदगी में व्यस्त हो जायेंगे
उस वक्त तुम खुद को बहुत अकेला महसूस करोगे
तुम्हे उस वक्त मेरी बहुत याद आयेगी
तब जीवन के उस पड़ाव पर मै चाहती हूं कि
तुम खुद को कमजोर ना समझो क्युकी
मै हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी शायद उस पल भी
क्युकी हमारी शादी के वक्त जो वादे किए थे हमने
मै उसे मरने के बाद भी निभाना चाहती हूं
तुम्हारे दुख में सुख में तुम्हारे दर्द में तुम्हारी खुशी में
हा मै तुम्हारी जिंदगी के हर रंग का
हिस्सा बनना चाहती हूं
हर उन मुस्किलों से लड़ना चाहती हूं
जो तुम्हारी राह के सामने आए
तुम्हारी वो खोई हुई हिम्मत बनना चाहती हूं
हाँ मरने के बाद भी मैं तुम में जीना चाहती हूं।

