पति का बटुआ
पति का बटुआ
पति का बटुआ बड़ा ही चमकीला
हमेशा कड़कती नोटों से सजीला
सब्जी भी वहां से आये
मेरी शॉपिंग भी हो जाए
क्रेडिट कार्ड भी कितने सारे
होटल भी ले जाए
मेहनत की कमाई
सब बटुए में समाई
दान धर्म करके
कभी दुआए भी कमाई
महंगाई कैसी बढ़ती जाए
आधी कमाई पेट्रोल में जाए
बढ़ता बिल भी किसको भाये
ऊपर से सब टैक्स लगाए
महंगाई में पसीना बहाई
पति की कमाई बटुए में समाई।
