पति का बटुआ
पति का बटुआ
जिंदगी की भागदौड़ में
खर्च भी बड़े
यानि आमदनी अट्ठनी
खर्चा रुपया
बटुआ कब तक दम रखे
रखे बटुए में कुछ रूपये
वो रहे कुछ समय
ख़र्चे का दानव बढ़ता ही जाता
बीमारी,शिक्षा का खर्चा
उभरने ही नहीं देता
बेचारा पति का बटुआ
पैसों की गुहार करता
यदि बटुवे में पैसा हो तो
बटुवे की शान
खाली बटुवा
बेरोजगार की भाती लगता
पति का बटुवा
जब वो उसमे रूपये
अलग ही शान निराली
खाली हो तो
पत्नी की निराशा निराली।
