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S Ram Verma

Abstract

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S Ram Verma

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पथप्रदर्शक !

पथप्रदर्शक !

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तुम से मैं

और मैं से हम

होना चाहता हूँ।


हम से फिर 

अपने अहम की 

सारी सिलवटें

मिटाना चाहता हूँ।


और फिर मैं 

मील का पत्थर

बनकर प्रेम की राह में,

 

बस खड़ा हो कर

इस राह से 

गुजरने वालों का

पथप्रदर्शक 

बनना चाहता हूँ !


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