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Mithilesh Tiwari "maithili"

Inspirational

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Mithilesh Tiwari "maithili"

Inspirational

पथिक

पथिक

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ऐ अभिनव जीवन पथिकचलना है तुझे अभी बस चलना है ।

दूर खड़ी है मंजिल मंजूषा बंद कुंभ में ज्यो सुधा पियूषा

जागृत रखना चातक प्यास अभी दुख-सुख मिश्रित धूप-छांव में ही

जीना है तुझे अभी बस जीना है ।।

वैमनास्याच्छादित कठिन शिलाएं  राह रोकती स्याह गुफाएं

स्निग्धधार से तोड़ अभी  सर्पीले पथ के हालाहल को ही

पीना है तुझे अभी बस पीना है ।।

चाह न कर शीतल छाया की  मनमुग्धा स्वप्निल माया की

जोड़ जीवन ज्वाला से नाता अभी  दहकते रेतीले पथ पर ही

जलना है तुझे अभी बस जलना है ।।

सुख मुक्ता तो छिपे हैं सागर के अंतः में मुश्किल से ही

आएंगे करतल मेंकर्म कश्ती को पकड़ अभी सिंधु-बिंदु श्रम सीकर में ही

ढलना है तुझे अभी बस ढलना है ।।

आसान नहीं समतल राहों की छाया जो देख उसे मन भरमाया

मान इसे नियति अभी टेढ़ी-मेढ़ी पगडंडी में ही

बढ़ना है तुझे अभी बस बढ़ना है ।।

है बड़ी श्रम साध्य स्वाति सी मंजिल नहीं जलधि तोय भर अंजलि

होना नहीं मन सा चंचल अभी  नभ में ध्रुव तारा जैसे हीअटल रहना है

तुझे अभी बस अटल रहना है ।।

पर सावधान ! अकारण तूफानों से अंतः झकोरते झंझावातों से

फंस नैराश्य घनचक्कर में अभी बन आशा की धार ही

बहना है तुझे अभी बस बहना है ।।

ऐ अभिनव जीवन पथिक

चलना है तुझे बस अभी चलना है ।।

  


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