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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Abstract Inspirational Others

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Shayra dr. Zeenat ahsaan

Abstract Inspirational Others

पृथ्वी

पृथ्वी

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Prompt-8

फ़र्ज़ अपना तुमको निभाना पड़ेगा

मेरे प्यार को तो निभाना पड़ेगा 

 हरा मुझको खूब बनाना पड़ेगा 

 जल है प्रदूषित हवा विष भरी है  

चारों तरफ बस गंदगी पड़ी है 

  धुंए से ये सारा गगन पट रहा हैं  

प्रदुषण से मेरा दम घुट रहा है  

तुम्हें जंगलों को फिर से बसाना पड़ेगा  

हरियाली की चादर हर सुं बिछाआे  

 पर्यावरण को और सुंदर बनाओ 

 सदियों से तुमको मैंने पाला है 

 उपहारों की दी अक्सर माला है 

 प्रदूषण मुक्तको मुझे बनाना पड़ेगा 

सूरज की किरणे मुझ पे हैं

पड़तीं


वर्षा की बूंदे मुझ पे ही 

गिरतीं

नदियों की बहती है अविरल धारा 

 मुझसे ही तो है जीवन तुम्हारा 

 जीवन मेरा तुम को बचाना पड़ेगा  

सबके दुखों को मैंने सहा है 

अपना ये दुख मैंने तुमसे कहा है   


पेड़ न अब पहले जैसे हरे हैं 

 प्राणी यहां कितने घुट के मरे हैं  

तुम्हें नए वृक्ष फिर से लगाना पड़ेगा  

धरती को सुंदर बनाना पड़ेगा 

फ़र्ज़ अपना तुमको निभाना पड़ेगा।


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