Sanjay Pathade Shesh
Drama
वे
आजकल
बहुत प्रसन्नचित्त
नजर आ रहे हैं,
क्योंकि
अपने सारे
विरोधियों को
चारों खाने चित्त पा रहे हैं।
रेवड़ी
जनप्रतिनिधि
अजब दौर है
आदत
श्रद्धा बनाम ...
मोहरा
मोहरे
विश्वास
आश्वासन
हाइकू रचनायें
ख्वाबों के अरमान तो दिन - ब -दिन कुचले ही जा रहे हैं। ख्वाबों के अरमान तो दिन - ब -दिन कुचले ही जा रहे हैं।
वो दिन भी क्या दिन थे जब कालेज के कैंटिन में घंटों बैठे बतियाते रहते थे! वो दिन भी क्या दिन थे जब कालेज के कैंटिन में घंटों बैठे बतियाते रहते थे!
क़रीब किसी के हो के भी खोया मैं रहा हूँ। क़रीब किसी के हो के भी खोया मैं रहा हूँ।
यूं ही न मिल जाता है, सफलता का उपहार यूं ही न मिल जाता है, सफलता का उपहार
इश्क की बारिश बरसाती हो तुम, मेरे ख्वाबों के बादल बनकर, इश्क की बारिश बरसाती हो तुम, मेरे ख्वाबों के बादल बनकर,
तेरे होंठों के अल्फाज कलम में उतारकर, तेरे इश्क की मधुर गज़ल मैं बना दूं। तेरे होंठों के अल्फाज कलम में उतारकर, तेरे इश्क की मधुर गज़ल मैं बना दूं।
कवर दिया हुआ है कवर दिया हुआ है
हर रोज़ यही मैं आस लिए तस्वीर तुम्हारी हांथ लिए मैं घंटो बैठी रहती हूँ चुप होती हूँ फिर हर रोज़ यही मैं आस लिए तस्वीर तुम्हारी हांथ लिए मैं घंटो बैठी रहती हूँ चुप होत...
हो तप, त्याग बलिदान की साक्षात मूर्ति सत सत नमन तुम्हें, हे राष्ट्र आराधक।। हो तप, त्याग बलिदान की साक्षात मूर्ति सत सत नमन तुम्हें, हे राष्ट्र आराधक।।
मैं दोनों चांद साथ में देखूंगी, मेरे सारे सपने सच होंगे। मैं दोनों चांद साथ में देखूंगी, मेरे सारे सपने सच होंगे।
इंसानियत के लिए जो जीता हरदम, उसको मूर्ख सदा बेवकूफ कहूं।। इंसानियत के लिए जो जीता हरदम, उसको मूर्ख सदा बेवकूफ कहूं।।
मंजूर है हम एक दूसरे के हो न सके गवाही मे रंजिश की बातें तो रहने दो। मंजूर है हम एक दूसरे के हो न सके गवाही मे रंजिश की बातें तो रहने दो।
अपने दर्द का हिसाब लेने का आंसुओं के कर्ज़ को चुकाने का अपने दर्द का हिसाब लेने का आंसुओं के कर्ज़ को चुकाने का
मैंने कलम से अपने ख्यालात लिखे, जिनमें कुछ नए किरदार लिखे। मैंने कलम से अपने ख्यालात लिखे, जिनमें कुछ नए किरदार लिखे।
चमकती हुई एक नई सितारा पूरी विश्व की माथे की बिंदी बन जाए, चमकती हुई एक नई सितारा पूरी विश्व की माथे की बिंदी बन जाए,
यदि आप नित कर्म और अभ्यास के हो, धनी यदि आप नित कर्म और अभ्यास के हो, धनी
तेरे मिलन की तड़प हे मुझ को, हमारा मिलन कभी होता नहीं, तेरे मिलन की तड़प हे मुझ को, हमारा मिलन कभी होता नहीं,
कभी जीत-हार में न साथ छोड़ता, अद्भुत भाव की रखता नींव।। कभी जीत-हार में न साथ छोड़ता, अद्भुत भाव की रखता नींव।।
चंद्रयान भेज, उसे हक़ीक़त, किया भारत माँ के लालों ने। चंद्रयान भेज, उसे हक़ीक़त, किया भारत माँ के लालों ने।