परिवार
परिवार
द्वेष अहंकार से दूर रहता , मेरा प्यारा परिवार।
ख़ुशियों की बहती धारा, स्नेह इसकी पतवार।
मिलता मार्गदर्शन बड़ों से, सीखते हैं सद्व्यवहार।
नेक काम पर मिलती सराहना, प्यार का उपहार।
एहसास की खुशबू महकती, जगमग जगमग द्वार।
विविध रंगों भावों में डूबी, जैसे फूलों का हार।
साथ निभाते सुख दुख में, मेरा छोटा सा संसार।
निरंतर प्रगति करते रहे , मेरा प्यारा परिवार।