जिद है
जिद है
जिद है,सितारे तोड़ लाने की
जिद है,कुछ कर गुजर जाने की
दिल में है,जुनूँ,सीने में है,आग,
जिद है,फ़ौलाद पिघलाने की
क्या पत्थर,क्या दरिया लहर,
जिद है,लहर विरुद्ध जाने की
जिद है,बारूद से खेल जाने की
ये ज़माना क्या राह रोकेगा?
जिद है,आसमाँ झुकाने की
जो दुनिया मे होता सरल है,
उसे मानती दुनिया निर्बल है
जिद है,स्व बदलाव लाने की
कोई कितने शूल बिछायेगा,
अधिकतम जान ले जायेगा
जिद है,शोले पे चल जाने की
जिद है,अंगारों पे हंस जाने की
साखी एक दिन वो आयेगा,
सबकी जुबां पे नाम आयेगा,
जिद है,रेगिस्तान खिलाने की
जिद है,बस खुद को पाने की।