शहीदी वेलेंटाइन
शहीदी वेलेंटाइन
यही तो है वो चौदह फरवरी
जिस दिन इंसानियत मरी
इधर प्रेम सम्मोहन दिन था
उधर बलिदान का दिन था।
हाथ में लिया ये हुआ गुलाब
आखिर बढ़े भी तो किस तरफ
संवेदनाएं शहीदों के साथ हैं
और कुछ चले, जो उसी तरफ।
हर नौजवान के सीने में एक
जवान के लिए प्यार बसा है
वही सबके वेलेंटाइन सार्थक
हर गुलाब उनकी ओर बढ़ा है।
हर बार जब भी ये दिन आएगा
फिर उपहार और गुलाब पाएगा
आंख नम हों जिनकी बदौलत
उसी आंख से जग देख पाएगा।