अब लौट चलो भविष्य की ओर
अब लौट चलो भविष्य की ओर
चिंतन मन न करो।
कुछ करने की तैयारी करो।
तुम ऐसे करोगे ,
तो तुम्हे कौन संभालेगा ।
तुम हाथ बांधकर मत बैठो।
सोच बदलो करते रहो।
तुम जलन मत करो।
अब लौट चलो भविष्य की ओर।
पूर्ण इकाई जीवन की,
इसमें तेरा अधिकार है।
आत्मा है शांशवत तेरा,
यही तुझ पर धिक्कार है।
अगर गतिरोधक आए,
तुम्हारे जीवन में।
तुम पीछे मत हटो चले चलो।
तुम अहंकार मत करो।
अब लौट चलो भविष्य की ओर।
तूफ़ान बहुत आते हैं।
फूलों के पौधे उखड़ जाते हैं।
तुम अकेला ही निकलो।
अब जीवन नहीं मिलेंगे।
ये मत कहो तुम, ये मत कर पाएंगे।
आलस्य मत करो कुछ तो करो।
अब लौट चलो भविष्य की ओर
माते है आते हैं।
तुम उसे मत देखो।
कोई तुम्हारा साथी नहीं है।
तुम अपने आप को देखो।
तुम शार्दूल बनकर आगे बढ़ो , उन्नत करो।
तिमीरांचल बहुत है, तुम्हारे सर पर।
हटाने की कोशिश करो।
अब लौट चलो भविष्य की ओर।